पहाड़ों की रानी ‘मसूरी’ का दीदार...

मसूरी पहाडियों की रानी के रूप में लोकप्रिय है जो उत्त राखंड राज्यै के नैनीताल जिले में स्थित

एक हिल स्टे शन है। यह महान पर्वत हिमालय की तलहटी पर समुद्र स्तडर से 1880 मीटर की

ऊंचाई पर बसा हुआ शहर है। यह हिल स्टे,शन शिवालिक पर्वतमाला और दून घाटियों के अद्धुत

दृश्ये प्रदान करता है। इस जगह को यमुनोत्री और गंगोत्री के धार्मिक केंद्रों के लिए प्रवेश द्वार भी माना जाता है।

‘मसूरी’ के आस पास के स्थान:- मसूर नाम मंसूरी से लिया गया है, मंसूर एक प्रकार की झाड़ी होती

है जो एक बार इस क्षेत्र में बहुतायत में पाई गई थी। अधिकाशतः कई लोगों के द्वारा इसे मंसूरी

नाम से भी पुकारा जाता है। यह खूबसूरत हिल स्टेपशन यहां स्थित प्राचीन मंदिरों, पहाडियों, झरनों,

घाटियों, वन्य जीव अभयारण्यों और शैक्षिक संस्थाूनों के लिए लोकप्रिय है। ज्वातला देवी मंदिर, नाग

देवता मंदिर और भद्रराज मंदिर, ‘मसूरी’ और उसके आसपास स्थित कुछ नामचीन धार्मिक स्थालों में से एक हैं।

यहां का ज्वाहला देवी मंदिर, देवी दुर्गा को समर्पित है। समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर

स्थित यह मंदिर हिंदुओं के बीच महान धार्मिक महत्वि रखता है। इस मंदिर में पत्थमर की बनी हुई

एक मूर्ति स्थासपित है। इसके अलावा, अन्य मंदिरों में नाग देवता मंदिर है जो नागों के भगवान

को समर्पित है। हिंदू पर्व नाग पचंमी के दौरान इस मंदिर में बड़ी संख्यां में भक्तम दर्शन करने के लिए आते हैं।

यह गंतव्य् स्थील, यहां स्थित खूबसूरत पहाड़ियों गन हिल, लाल टिब्बाट और नाग टिब्बा् के लिए

प्रसिद्ध है। गल हिल पहाड़ी, समुद्र स्त्र से 2122 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ‘मसूरी’ की

दूसरी सबसे ऊंची पहाड़ी हैं जो बेहद ऐतिहासिक महत्वम रखती है। स्वितंत्रता पूर्व युग के दौरान, इस

पहाड़ी से हर दोपहर को तोप से गोला दागा जाता था, ताकि स्थननीय लोगों को समय बताया जा

सके। उस समय लोग अपनी घड़ियों को उसी अनुसार सेट कर लिया करते थे। वर्तमान में, ‘मसूरी’

का पानी जलाशय इस पहाड़ी पर स्थित है। यहां की पहाड़ी पर पर्यटकों के बीच रोप -वे पर सैर

करना काफी लोकप्रिय है।

लाल टिब्बाि, ‘मसूरी’ का सबसे ऊंचा प्वा इंट है और इसे डिपो हिल भी कहा जाता है क्यूंकि एक

डिपो इस क्षेत्र में स्थित है। ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के टॉवर इस पहाड़ी पर स्थित हैं।

भारतीय सैन्या सेवा भी इस पहाड़ी पर स्थित है। इस पहाड़ी पर पर्यटकों की सुविधा के लिए एक

जापानी टेलीस्को प भी 1967 में रखा गया था। इस दूरबीन यानि टेलीस्कोपप के माध्यबम से

पर्यटक नजदीक के इलाके बंदेरपुंछ, केदारनाथ और बद्रीनाथ को देख सकते हैं। नाग टिब्बाल, ‘मसूरी’

का अन्य लोकप्रिय पहाड़ी है और नाग चोटी के रूप में भी जाना जाता है। पर्यटक यहां आकर कई

साहसिक खेलों का आनंद भी उठा सकते हैं।

यह जगह यहां बहने वाले खूबसूरत झरनों जिनके नाम है -कैम्पेटी झरना, झरीपानी झरना, भट्टा

झरना और मोस्सीा झरना के लिए भी जाना जाती है। ‘मसूरी’ की सैर पर आने वाले पर्यटकों के बीच

कैम्पेटी झरना बेहद लोकप्रिय है जो समुद्र स्तीर से 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस जगह

की सुंदरता से प्रभावित होकर, एक ब्रिटिश अधिकारी जॉन मेकीनन ने इसे एक पर्यटन स्थाल में

बदल दिया। झरीपानी झरना भी यहां के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। झरीपानी गांव में स्थित,

यह एक प्रसिद्ध स्थिल है और साहसिक पर्यटकों व रोमांच प्रेमियों के लिए आदर्श गंतव्य। स्थोल है।

भट्टा झरना और मोस्सीर झरना, ‘मसूरी’ से 7 किमी. की दूरी पर स्थित है।

एक खूबसूरत पर्यटन स्थवल के अलावा, ‘मसूरी’ अपने शैक्षिक संस्थाूनों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां

कई यूरोपियन स्कूशल हैं जो अंग्रेजों के शासनकाल में खोले गए थे। इस जगह कुछ सबसे अच्छेी

और सबसे पुराने बोर्डिंग स्कूसल भी हैं जैसे -सेंट जॉर्ज, ओक ग्रोव और वयानबर्ग एलन। इस हिल स्टे

शन में सबसे ज्यादा मजेदार एक्टिविटी ट्रैकिंग होती है जिसका भरपूर आनंद यहां आकर उठाया जा

सकता है। यहां कुछ प्रसिद्ध ट्रैल्से भी हैं जहां पर्यटक प्रकृति की सैर आराम से आनंद उठाकर कर

सकते हैं।

मुख्यर आकर्षण...

कैम्परटी फॉल

ऊंचे पहाड़ों से गिरता यह जलप्रपात इस वादी का वास व्यूय प्वापइंट है। यहां गर्मियों में, क्याट

बच्चेि और क्याआ जवान सभी ठंडे पानी की बौछारों का जमकर लुत्फा उठाते हैं। यह जगह ‘मसूरी’

से 15 किमी दूर स्थित है।

गन हिल

‘मसूरी’ की दूसरी सबसे ऊंची चोटी तक का सफर आप रोप वे के जरिए कर सकते हैं। 20 मिनट का

यह रोमांचकारी सफर यकीनन आप जिंदगी भर नहीं भूलेंगी। यहां से आप विभिन्नं हिमालय श्रृंखलाएं

जैसे बंदरपुंछ, श्रीकंठ, पीथवारा व गंगोत्री ग्रुप के अनुपम सौंदर्य को भी जी भरकर निहार सकती

है।समूचा ‘मसूरी’ शहर यहां से आप को नजर आएगा।

नाग देवता का मंदिर

‘मसूरी’ से करीब 6 किमी दूरी पर स्थित यह प्राचीन मंदिर दर्शनीय है। यहां से आप दून वादी की

मनमोहक खूबसूरती को कैमरे में बखूबी कैद कर सकते हैं।

क्लाउड्स एंड

सन् 1838 में एक ब्रिटिश मेजर द्वारा बनवाया गया यह पुराना बंगला अब होटल में परिवतर्ति हो

चुका है। चारों तरफ घने जंगलों से घिरे इस बंगले से बर्फ की चादर ओढ़े हिमालय पर्वतमाला व

यमुना नदी का मनोरम दृश्यन आपको दिखाई देगा

धनोल्टी

टिहरी सड़क पर स्थित धनोल्टीी एक शांत सी जगह है। यह जगह ऊंचे-ऊंचे देवदार वृक्षों व खूबसूरत

फलों के बगीचों के कारण प्रसिद्ध है। शहर की भीड़ से दूर यहां के टूरिस्टश बंगले में समय बिताना

अपने-आप में एक अलग तरह का अनुभव होगा। आप चाहें तो ‘मसूरी’ के फॉरेस्टग रेस्टै हाउस में

अपना समय बिता सकती है। इनके अतिरिक्त यमुना ब्रिज, चंबा, लखा मंडल व सुरखंडा देवी यहां

के कुछ अन्य दर्शनीय स्थवल हैं। अप्रैल के महीने में ‘मसूरी’ आने पर लक्ष्मीण सिद्ध मेला घूमना

न भूलें। यकीनन यह आपको लंबे समय तक याद रहेगा

शॉपिंग

यहां आप गांधी चैक, कुलरी बाजार व लैन्डेयोर बाजार से छड़िया, हाथ के बुने आकर्षक डिजाइनों के

स्वे टर व कार्डिगन खरीद सकते हैं। यहां आने पर ट्रेक हिमालयन ऑफिस के पास स्थित दुकानों से

एंटिक सामान खरीदना न भूलिए। ब्रिटिश काल के फर्नीचर व अन्य दुर्लभ वस्तुेएं यहां उचित दामों

पर मिलती हैं।

कैसे पहुंचे...

रेल: अगर आप चाहें तो दिल्लीड से देहरादून के लिए ट्रेन से जा सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेभशन

देहरादून दिल्लीग से मात्र 35 किमी दूर है। वैसे दिल्लीह के अतिरिक्तट सहारनपुर, वाराणसी, हावड़ा

व अमृतसर से भी यहां के लिए ट्रेनें सुलभ हैं। आगे का सफर आप टैक्सील या बस द्वारा आसानी से

तय कर सकते हैं।

हवाई यात्रा: दिल्लीं से ‘मसूरी’ जाने के लिए आपको जॉली ग्रांट एयरपोर्ट तक फ्लाइट लेनी होगी।

यह ‘मसूरी’ का निकटतम हवाई अड्डा है ‘मसूरी’ से 60 किमी दूर।

कब जाएं:- सर्दियों के कुछ महीने छोड़कर आप साल में कभी भी ‘मसूरी’ घूमने का आनंद उठा सकते

हैं। पर घूमने का सही मौसम अप्रैल से जून के बीच है।

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