छात्रों के लिए सौगात : डाक विभाग ने शुरू की ‘ज्ञान पोस्ट सेवा’
इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल, 03 मई : बाहर से पुस्तकें मंगवाना हुआ आसान और सस्ता अब पढ़ाई करने वाले छात्रों को किताबें मंगवाने के लिए न ज्यादा खर्च करना पड़ेगा और न ही ज्यादा परेशानी झेलनी होगी। डाक विभाग ने छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ‘ज्ञान पोस्ट सेवा’ की शुरुआत की है। इस सेवा के माध्यम से देशभर के किसी भी हिस्से से पुस्तकें मंगवाना अब आसान और सस्ता हो गया है। कुरुक्षेत्र मंडल डाकघर के अधीक्षक डा. कर्म सिंह झझोलिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सेवा का उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना और छात्रों को कम लागत में आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराना है। कुरुक्षेत्र मंडल डाकघर के अधीक्षक डा. कर्म सिंह झझोलिया ने शनिवार को कैथल के मुक्चय डाकघर के औचक निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने निरीक्षण के डाकघर के डाक वितरण, काउंटर आपरेटर, पासपोर्ट आफिस में दी जा रही सुविधाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान डाकघर में आए उपभोञ्चताओं से भी बातचीत की। इसके बाद उन्होंने ‘ज्ञान पोस्ट सेवा’ के मिल रही सुविधा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत पुस्तकें कम दरों पर भेजी और मंगाई जा सकेंगी, जिससे छात्रों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह सेवा विशेष रूप से विद्यार्थियों, शिक्षकों, पुस्तकालयों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए लाभकारी होगी। अब छात्र घर बैठे ही देश के किसी भी पुस्तक विक्रेता या पुस्तकालय से किताबें मंगवा सकते हैं। इस सेवा में डाक दरें काफी कम रखी गई हैं ताकि किसी पर आर्थिक बोझ न पड़े। डा. कर्म सिंह झझोलिया ने बताया कि डाक विभाग ने यह कदम डिजिटल युग में भी शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाया है। इससे न सिर्फ छात्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि शिक्षा का स्तर भी ऊंचा उठेगा। अधीक्षक ने सभी शैक्षणिक संस्थानों और छात्रों से अपील की कि वे भारत सरकार के संचार मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस सेवा का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। इस मौके पर उनके साथ डाकघर निरीक्षक सुशील मितल, अश्वनी कुमार, डाकपाल संजय सोनी, मार्किटिंग एग्जिक्यूटिव तरूण भट्टï आदि भी उपस्थित थे।
भेजने वाला व्यञ्चित ट्रैक भी कर सकता पुस्तकें
डा. कर्म सिंह झझोलिया ने बताया कि यह सेवा छात्रों, शिक्षण संस्थानों, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं और सामाजिक संस्थाओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्दध होगी। 300 ग्राम से 5 किलो तक की पुस्तकें मात्र 20 रुपए से 100 रुपए में कही भी मांगवा या भेज सकते हैं। सभी ज्ञान पोस्ट आइटम ट्रैकेबल होगी। निर्धारित शुल्क का भुगतान कर रजिरूट्रीकरण, डिलीवरी का प्रमाण एवं बीमा संबंधी मूल्यवर्धित जैसी अतिरिञ्चत सेवाएं भी उपलद्ब्रध हैं। संचार मंत्रालय का यह कदम डिजिटल युग में भी शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान की पहुंच को सशञ्चत बनाने का प्रयास है। यह सेवा विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और समिति संसाधनों वाले छात्रों के लिए ज्ञान की पहुंच को सस्ता और सरल बनाएगी। इन पुस्तकों को भेजने वाला व्यञ्चित ट्रैक भी कर सकता है।
Comments
Post a Comment