धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाएं बाल विवाह पर रोक लगाने में प्रशासन का करें सहयोग : एडीसी
बाल विवाह मुक्त अभियान के तहत एडीसी ने की धार्मिक संस्थाओं के साथ बैठक..
कैथल इंडिया गौरव ब्यूरो 11 अप्रैल :धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और बाल विवाह रोकने के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ आमजन को जागरूक करें। बाल विवाह का कोई मामला उनके संज्ञान में आता है तो पुलिस व जिला प्रशासन को सूचित करें।उन्होंने कहा कि आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। इस दिन बाल विवाह होने की संभावना बनी रहती है। बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार बाल विवाह करना कानून अपराध है। 18 वर्ष से कम आयु की लड़की व 21 वर्ष से कम आयु के लड़के नाबालिग माना जाता है। कम आयु में शादी करने से लड़का व लड़की का भविष्य खराब हो जाता है। बाल विवाह करना गैर-जमानती अपराध होने के साथ साथ सामाजिक बुराई भी है।एडीसी दीपक बाबू लाल ने कहा कि इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की शादी निर्धारित उम्र से पहले न करके उनके अंदर हुनर पैदा करें। कोई भी व्यक्ति, जो बाल विवाह करवाता हैं, उसको बढ़ावा देता हैं या उसकी सहायता करता हैं तो दो साल तक की कड़ी कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता हैं। उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया कि जिले में कहीं पर भी बाल विवाह जानकारी मिलती है तो डायल 112, 181, 1098, 01746-235102, 235420, 234525, 235130 नंबर पर सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी गुरजीत कौर, बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता शर्मा, हनुमान वाटिका से राकेश गुप्ता, गीता भवन से सुभाष नारंग, सिस्टर डैलिमा, जमालुदिन, खालिद अली आदि धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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