अतीत में हुई अप्रिय घटना के कारण जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती शोभायात्रा नहीं रोकी जा सकती: अदालत

नई दिल्ली, 11 अप्रैल । दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अतीत में घटित अप्रि घटनाओं के कारण धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक नहीं लगाई जा सकती। इसने दिल्ल पुलिस से जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती शोभायात्रा की अनुमति देने पर निर्णय लेने को कहा। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता 12 अप्रैल को शोभायात्रा निकालने की पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। अदालत ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों को उक्त आवेदन पर विचार करने और उचित एवं समय पर निर्णय लेने का निर्देश दिया जाता है। अधिकारी यह ध्यान रखें कि वर्ष 2022 में किसी अप्रिय घटना के घटित होने से, पिछले वर्षों में प्रचलित प्रथा के अनुसार, धार्मिक अवसरों पर शोभायात्रा निकालने पर रोक नहीं लगाई जा सकती।’’ दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल, 2022 को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो समूहों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक घायल हो गया था। पुलिस ने कहा कि घटना के बाद क्षेत्र में ‘‘अस्थिर और अनिश्चित स्थिति’’ को देखते हुए शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी गई। अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे नए मार्ग पर ‘‘सीमित शोभायात्रा’’ निकालने की मांग वाली याचिका पर समय पर विचार करें। इसने कहा, ‘‘प्रतिवादी/पुलिस अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे उक्त उद्देश्य के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करें। मामले की दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उचित पड़ताल की जाए और शोभायात्रा के प्रस्तावित आयोजन की तिथि से पहले उचित निर्णय लिया जाए तथा याचिकाकर्ता को इसकी जानकारी दी जाए।’’ याचिकाकर्ता ने कहा कि वह 2010 से हनुमान जयंती शोभायात्रा का आयोजन कर रहे हैं, लेकिन 2019 से अधिकारी मंजूरी देने से इनकार करते रहे हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह 12 अप्रैल को शोभायात्रा निकालने के लिए प्राधिकारियों के समक्ष एक नया आवेदन प्रस्तुत करें, जिसमें शोभायात्रा का मार्ग और अवधि स्पष्ट रूप से बताई जाए।

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