एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पूर्व पार्षद 4 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पूर्व पार्षद 4 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार..
व्यापारियों को प्रशासनिक कार्रवाई और आरटीआई के नाम पर ब्लैकमेल करने के लगे हैं पार्षद पर आरोप..
इंडिया गौरव ब्यूरो 19 अप्रैल कैथल : एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल की टीम ने शहर के पूर्व पार्षद कमल मित्तल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पूर्व पार्षद पर व्यापारियों को प्रशासनिक कार्रवाई और आरटीआई के नाम पर ब्लैकमेल करने का आरोप है। इस मामले में पूर्व पार्षद कमल ने एक कपड़ों के शोरूम के मालिक को धमकाया कि उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर शोरूम को सील करवा देगा। इस मामले में जहां आरोपी पूर्व पार्षद से गिरफ्तारी के समय चार लाख रुपये बरामद किए गए। एसीबी की ओर से आरोपी के विभिन्न ठिकानों से लाखों रुपये बरामद करने की सूचना है। हालांकि एसीबी के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अब इस आरोपी को रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में पुराना बस स्टैंड स्थित बालाजी गारमेंटस के मालिक संदीप गर्ग ने एसीबी टीम को शिकायत दी थी कि सेक्टर 19 निवासी पूर्व पार्षद कमल मित्तल ने शोरूम को सील करवाने की धमकी देकर उसने डीसी के नाम पर नौ लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से वह पांच लाख रुपये पहले ही ले चुका था। एसीबी की टीम ने शनिवार को कमेटी चौक स्थित बाजार में आरोपी कमल को चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी पूर्व पार्षद और उसके साथियों की ओर से शहर के 25 से ज्यादा व्यापारियों को आरटीआई, जीएसटी और इनकम टैक्स विभाग में शिकायत देकर ब्लैकमेल करने का आरोप भी लगा है। संदीप गर्ग ने 18 मार्च को एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत दी थी। बताया कि उसकी पुराने बस स्टैंड के पास जमीन है, जिस पर उसने बिल्डिंग बनवाई थी। आरोपी ने इसकी शिकायत कर बिल्डिंग को सील करवा दिया था। इसके लिए उसे कई दिन सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने पड़े, कुछ कागज भी तैयार कराए, लेकिन मामला उलझा ही रहा।
पांच लाख 20 हजार रुपये लेकर सील खुलवाई..
व्यापारी संदीप गर्ग ने आगे बताया कि बिल्डिंग बनाने में उसका काफी रुपया खर्च हो गया था। वह बिल्डिंग को शुरू करने ही जा रहा था कि उसे सील करा दिया गया। इसके बाद उसके शिकायतकर्ता कमल मित्तल से संपर्क साधा। उसने पांच लाख 20 हजार रुपए लेकर सील को खुलवा दिया। इसके बाद भी आरोपी ने आरटीआई और सीएम विंडो पर उसकी शिकायत कर दी।
डीसी के नाम पर चार लाख रुपये मांगने लगा..
व्यापारी संदीप गर्ग ने बताया कि उसकी बिल्डिंग की सील खुल गई थी। वह खुश था कि तभी पता चला कि कमल ने उसकी दोबारा शिकायत कर दी है। उसने फिर कमल से संपर्क किया और पूछा कि वह तो रुपए दे चुका है और सील भी खुल चुकी है, अब शिकायत क्यों। आरोप है कि कमल ने उसे जवाब दिया कि कुछ पैसे डीसी भी तो मांग रहा है। बड़े अधिकारी है, उन्हें हिस्सा नहीं मिला तो कार्रवाई हो जाएगी। व्यापार तक नहीं कर पाओगे। चार लाख रुपये देने की मांग की। संदीप गर्ग ने आगे बताया कि कमल मित्तल की मांग सुनकर वह परेशान हो गया। सोचा कि यदि अब रुपये दे दिए तो कमल कोई न कोई शिकायत कर उसे परेशान करता रहेगा। इसीलिए उसने एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद एसीबी टीम ने उसे पकडऩे की योजना बनाई। टीम ने उसे 4 लाख रुपये देकर उसे कमल के बताए गए होटल में भेज दिया। जैसे ही उसने रुपए कमल को थमाए, वैसे ही टीम ने उसे दबोच लिया।
कांग्रेस का समर्थक, 2005 में बना था पार्षद
एसीबी की टीम की शुरूआती जांच में पता चला कि पकड़े गए कमल मित्तल ने 2005 में पार्षद का चुनाव लड़ा था। सेक्टर 19 में वार्ड नंबर 10 है और वह इसी वार्ड से पार्षद चुना गया था। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। इसके बाद वह चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन तभी से वह सरकारी कार्यप्रणाली जान चुका था कि यहां कैसे काम होता है और
बड़े डॉक्टर और व्यापारियों को बनाता था निशाना
आरोपी ने आरटीआई और सीएम विंडो पर शिकायतें करके और समझौता करने की एवज में रुपए लेने को अपना धंधा बना रखा था। यह भी सामने आया है कि उसने कई लोगों के खिलाफ सीएम विंडो और आरटीआई लगाई हुई है, जिसमें डॉक्टर, व्यापारी, मिष्ठान भंडार संचालक, मार्बल विक्रेता व बड़े दुकानदार शामिल हैं। यह भी पता चला है कि आरोपी ने कई तरह के व्यापार संबंधित व अन्य संस्थाओं के पहचान पत्र बनवा रखे थे। उसके जरिए लोगों पर दबाव बनाता था और ब्लैकमेल करता था। आरोपी कई लोगों से करीब 25 लाख रुपये हड़प चुका था।
डीसी प्रीति ने कहा कि आमजन की शिकायत निवारण के लिए समाधान शिविर सहित कई जगह सरकार की ओर से व्यवस्थाएं की हैं। यदि कोई व्यक्ति आमजन से किसी अधिकारी का भय दिखाकर वसूली करता है तो इस संबंध में समाधान शिविर सहित उनसे मिल कर शिकायत दें सकते है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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