प्रवेश उत्सव को उत्साह के साथ मनाएं और अधिक से अधिक बच्चों का स्कूलों में दाखिला करवाएं-डीसी प्रीति

स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए गंभीरता से काम करें, इसे महज ड्यूटी समझने की बजाए सामाजिक जिम्मेवारी समझते हुए काम करें अध्यापक..
स्कूलों व कार्यालयों में पूरा समय दें..
डीसी ने किया दो सत्रों में जिले के 594 सरकारी स्कूल मुखियाओं को संबोधित..
कैथल, 27 मार्च। डीसी प्रीति ने कहा कि आगामी एक माह तक सभी अध्यापक प्रवेश उत्सव को एक अवसर के तौर पर लें। जिसमें वे सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए गंभीरता से काम करें। यह केवल ड्यूटी नहीं बल्कि एक सामाजिक जिम्मेवारी भी है कि एक भी बच्चा स्कूल से बाहर न हो। एक भी बच्चा ड्रॉप आउट न हो। प्रवेश उत्सव को उत्साह के साथ मनाएं और अधिक से अधिक बच्चों का स्कूलों में दाखिला करवाएं। डीसी प्रीति वीरवार को राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाखौली अड्डा में प्रवेश उत्सव के तहत सरकारी स्कूलों के मुखियाओं को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने दो चरणों में स्कूल मुखियाओं को संबोधित किया। सुबह के सत्र में कैथल, कलायत व राजौंद और दोपहर के सत्र में गुहला, सीवन व पूंडरी ब्लॉक के स्कूल मुखियाओं को संबोधित किया।डीसी ने कहा कि सभी अध्यापक यह सुनिश्चित करें कि कोई भी ऐसा स्कूल न हो जो विद्यार्थियों की कमी से बंद हो। जहां भी विद्यार्थियों की संख्या कम हैं, वहां ग्राम पंचायत, एसएमसी सदस्यों का सहयोग लेकर अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की सुविधाओं व इनमें पढ़ा रहे शिक्षकों की योग्यता के बारे में बताएं। अध्यापक इस बात को सुनिश्चित करें कि सभी बच्चे सक्षम हों। कोई बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो उस पर विशेष ध्यान देकर उसे आगे बढ़ाएं। डीसी ने अपना उदहारण देते हुए कहा कि जब भी उन्हें शिक्षकों से मिलने का अवसर मिलता है तो वे अपने अध्यापकों को नमन करती हैं। इसीलिए अध्यापक वर्ग भी ऐसे बच्चे तैयार करें, जो जीवन में बड़ी सफलताएं हासिल करें और वे बच्चे आपको याद करें। एक अध्यापक की यही सबसे बड़ी गुरु दक्षिणा हो सकती है।उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल मुखिया यह सुनिश्चित करें कि अध्यापक स्कूलों में पूरा समय दें। कार्यालयों में जहां उनकी ड्यूटी है, पूरा समय दें। प्रशासन को इस मामले में सख्ती करने की आवश्यकता न पड़े। यदि किसी स्कूल में इस तरह की लापरवाही मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अध्यापक ऐसी कोई कार्रवाई करने का मौका न दें। उन्होंने कहा कि अध्यापक बच्चों को कुछ बातें स्वयं के व्यवहार में शामिल कर सीखा सकते हैं। यदि कोई अध्यापक दोपहिया वाहन से स्कूल में आता है तो वह हेलमेट जरूर पहनें। यदि व कार आदि में आते हैं तो सीट बेल्ट जरूर लगाएं। बच्चे देखने से ज्यादा सीखते हैं।
डीसी ने कहा कि इस बार प्रवेश उत्सव में जिला अव्वल आना चाहिए। इसलिए सभी अध्यापक अप्रैल माह में इस अभियान में जुट जाएं। अप्रैल के बाद तक सभी बच्चे कहीं न कहीं दाखिला ले लेते हैं। इसलिए अध्यापक इस अवसर का लाभ उठाकर अपने स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के अध्यापक अच्छी योग्यता के आधार पर भर्ती होते हैं। इसके बावजूद यदि कहीं संख्या कम है तो इसका कारण पता लगाया जाना चाहिए। इस अवसर पर अच्छा काम करने वाले स्कूल मुखियाओं को सम्मानित भी किया गया।डीईओ रामदिया गागट ने स्कूल मुखियाओं का आह्वान किया कि वे डीसी महोदया व विभाग के निर्देशानुसार प्रवेश उत्सव के दौरान अधिक से अधिक बच्चों का स्कूलों में दाखिला करवाएं। उन्होंने डीसी को विश्वास दिलवाया कि अध्यापक सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए पुरजोर प्रयास करते हुए इस अभियान को सफल बनाएंगे।


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