कुपोषण को खत्म करने के लिए संयुक्त रूप से काम करें महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग : एडीसी
कुपोषण को खत्म करने के लिए संयुक्त रूप से काम करें महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग : एडीसी
एडीसी ने कुपोषण मुक्त अभियान के तहत ली अधिकारियों की बैठक
कैथल, 18 मार्च। एडीसी दीपक बाबूलाल करवा ने सुपोषित हरियाणा अभियान के तहत लघु सचिवालय के सभागार में महिला बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि दोनों विभाग कुपोषण मुक्त अभियान के तहत चिन्हित किए गए गांवों में संयुक्त रूप से काम करें, ताकि डेटा में किसी प्रकार का कोई अंतर न हो और एक भी बच्चा कुपोषित न रहे। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि आरबीएसके टीम के विजिट के दौरान विभाग की एएनएम, आशा वर्कर, महिला एवं बाल विभाग की सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी वर्कर को साथ लें।उन्होंने बताया कि कुपोषण मुक्त अभियान के तहत जिले के 12 गांव विभिन्न अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए हैं, जिसमें रिवाड जागीर, रत्ताखेड़ा लुकमान, पोलड़, मांझला, किठाना, कसान, ढूंढवा, शिमला, पाई, जडौला, सेगा, कुलतारण के कुपोषित बच्चों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों की विभिन्न कैटेगरी में पहचान करते हुए उन्हें कुपोषण से मुक्त करने का काम करें। डेटा को एक दूसरे के साथ सांझा करें और क्रॉस चेक करें। जहां भी कुपोषण को खत्म करने के लिए तकनीकी एवं मेडिकल सहायता की जरूरत है, उसमें स्वास्थ्य विभाग अपनी अहम भूमिका निभाएं। इसके साथ साथ गांव में नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाएं और उसमें दूध पिलाने वाली माताओं, गर्भवती महिलाओं को शामिल करें। उन्हें अच्छे खान पान का के लिए प्रेरित करें। बैठक के दौरान एडीसी ने इस अभियान के तहत चिन्हित किए गए गांव की प्रगति रिपोर्ट ली। इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डा. विकास धवन, जिला कार्यक्रम अधिकारी गुरजीत कौर, शशी बाला, सभी गांव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एएनएम, आरबीएसके टीम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
डीसी ने ली जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की बैठक..
कैथल, 18 मार्च: मंगलवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम एक्ट 1989) के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी प्रीति ने अत्याचार निवारण अधिनियम एक्ट 1989 के तहत दर्ज मुकदमों को लेकर चर्चा की और कमेटी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीसी ने पिछले एक साल के मुकदमों के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। साथ ही पीड़ितों को दी जाने वाली सहायता राशि के बारे में पूछा। जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि सभी पीड़ितों का समय पर सहायता राशि दे दी गई हैं। वहीं डीसी प्रीति ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों में मुस्तैदी से पैरवी करने के लिए समय चालान प्रस्तुत करें, ताकि पीडि़तों को न्याय दिलवाया जा सके। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एक्ट के तहत यदि कोई झूठे मुकदमे दर्ज करवाता है तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर जिला न्यायवादी सुखदीप, डीएसपी बीरभान, जिला कल्याण अधिकारी सीमा, गैर सरकारी मनोनित सदस्य शक्ति सौदा, जिले सिंह मौजूद रहे।
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