डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले जालसाजों से रहें सावधान : एसपी राजेश कालिया
साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें..
कैथल, 24 फरवरी : साइबर फ्रॉड के बारे में आमजन को जागरूक करते हुए एसपी कैथल राजेश कालिया ने आगाह किया है, कि आज के इस तकनीकी युग में साइबर क्राइम एक चिंता का विषय है। तकनीकी युग के इस दौर में प्रत्येक व्यक्ति इंटरनेट पर निर्भर हो गया है, इसलिए इंटरनेट तकनीक की बढ़ती उपयोगिता के कारण साइबर ठगी के मामले भी बढ़ रहे है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यूजर्स की नासमझी व लापरवाही के कारण लोग अक्सर साइबर ठगों के जाल में फंसकर अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी गंवा बैठते हैं। साइबर अपराधी अब लोगों को ठगने के लिए डिजिटल अरेस्ट को अपना हथियार बना रहे है। एसपी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट वॉट्सऐप कॉल पर की जाने वाली ब्लैकमेलिंग है, जिसमें पुलिस की वर्दी पहनकर या सरकारी विभाग का अधिकारी जैसा बैकग्राउंड तैयार कर साइबर ठग लोगों को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं। साइबर ठग लोगों को व्हाट्सएप के जरिए यकीन दिलाते हैं, कि उनके परिचित के साथ कुछ बुरा हो चुका है या होने वाला है। चूंकि सामने बैठा शख्स पुलिस की वर्दी में होता है तो अधिकांश लोग डर जाते हैं। इसके बाद उनके पैसों की डिमांड जाल में फंसते चले जाते हैं। डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठगों का सबसे बड़ा हथियार वॉट्सऐप है। वॉट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए ही वह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए सबसे पहले अपने वाट्सएप की सेटिंग्स में कुछ बदलाव करें, जिससे अगर कोई अनजान नंबर से कॉल आए तो आपके पास सिर्फ नोटिफिकेशन पहुंचे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
1.किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी निजी जानकारी जैसे घर का एड्रेस, बैंक अकाउंट की डिटेल, आधार कार्ड, पैन कार्ड की जानकारी ना दें।
2.पर्सनल डेटा और किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन अकाउंट पर मजबूत पासवर्ड लगाकर रखें।
3.किसी भी अनजान नंबर से कॉल आने पर अपनी जानकारी देने की बजाए, पहले सामने वाले की आइडेंटिटी वेरीफाई करें।
4.संदेह होने पर तुरंत फोन काट दें और नंबर ब्लॉक कर दें।
5.साइबर क्राइम होने पर इसकी शिकायत नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें।
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