सांसद जिंदल ने देश के विभिन्न हिस्सों से बनाए गए धागे से तैयार तिरंगा राष्ट्रपति को सौंपा

सांसद जिंदल अपनी धर्मपत्नी शालू जिंदल के साथ राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को मेरा धागा, मेरा तिरंगा, मेरा देश कैंपेन के तहत तिरंगा सौंपते हुए..
 महामहिम ने फाउंडेशन की मुहिम को सराहते हुए हर संभव सहयोग का संसद को दिया आश्वासन..
कैथल, 27 जनवरी (विकास कुमार):  सांसद नवीन जिनदल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर मेरा धागा, मेरा तिरंगा, मेरा देश फ्लैग फाउंडएशन आफ इंडिया कैंपेन के तहत राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्रपति को सौंपा। इस अवसर पर उनके साथ उनकी धर्मपत्नी शालू जिंदल भी उपस्थित थी। सांसद नवीन जिंदल ने कहा की राष्ट्रपति से मिलकर देश के विभिन्न भागों से धागे इक_े कर बनाया हुआ तिरंगा महामहिम को सौंपना गौरवमई क्षण था। सांसद ने कहा कि यह तिरंगा विभिन्नता में एकता का प्रतीक है। सांसद जिंदल ने कहा कि राष्ट्रपति ने फ्लैग फाउंडेशन की इस मुहिम की सराहना की तथा हर संभव योगदान करने का आश्वासन दिया जिसके लिए उन्होंने राष्ट्र्रपति का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि  संविधान में ही देश के सिद्धांत और उसको चलाने के तौर तरीके निहित हैं। संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का अहसास करवाता है और देश के सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है। संविधान में देश के हर नागरिक को आगे बढऩे का समान अवसर दिया गया है। हमें कोई भी धर्म अपनाने की आजादी है, हमें कोई भी रोजगार अपनाने की आजादी है। हम सभी को वोट का समान रूप से अधिकार प्राप्त है। ये सभी अधिकार हमें संविधान के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। सभी नागरिकों को न केवल अपने अधिकारों बल्कि अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक होना चाहिए।  सांसद ने कहा कि 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ तथा भारत के गणतंत्र के स्थापित होने के उपलक्ष्य में हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान नामक अभियान सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। उन्होंने संविधान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। सरकार द्वारा संविधान-दिवस मनाने का मकसद देश के नागरिकों में कानून के प्रति सम्मान और आदर की भावना को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इसी संविधान के तहत हमारे देश के सभी कानून बनते हैं। इस अवसर पर हमें जीवन भर अपने मौलिक कर्तव्यों और देश का कानून का पालन करने का प्रण लेना चाहिए। देश का अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने से न सिर्फ संविधान का मकसद पूरा होगा बल्कि संविधान बनाने वालों का सपना भी पूरा होगा। उन्होंने बताया कि संविधान की प्रस्तावना संविधान की आत्मा है। जिसके बारे में सभी को पता होना चाहिए। हमें यह मालूम होना चाहिए कि प्रस्तावना में जो शब्द शामिल किए गए हैं, वे क्यों किए गए हैं और इनका क्या अर्थ है। गौरतलब है कि सांसद नवीन जिंदल ने देश भर में तिरंगा फहराने की कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट से जीती थी और आज उन्हीं के प्रयासों का नतीजा है कि कोई भी भारतीय अपने प्रतिष्ठान पर तिरंगा झंडा गर्व के साथ लहरा सकता है ।

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