मशीनीकरण से दूर होगी गन्ना खेती में श्रमिकों की कमी की समस्या--नई गन्ना हारवेस्टिंग तकनीक से कटाई किसानों और चीनी मिल दोनों के लिए फायदेमंद : धर्मबीर डागर

विभिन्न गन्ना केंद्रों से आए वैज्ञानिकों ने किसानों को दी गन्ने की आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी...
मिल परिसर में किसानों को दिखाई गन्ना कंबाइन हारवेस्टर से गन्ने की कटाई..
कैथल, 20 दिसंबर(विकास कुमार)::सहकारी चीनी मिल कैथल में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें हरियाणा सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लि0., पंचकूला के अध्यक्ष धर्मबीर डागर ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और भाजपा जिला अध्यक्ष मुनीष कठवाड़ विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस संगोष्ठी में विभिन्न गन्ना केंद्रों से आए वैज्ञानिकों ने किसानों को गन्ने की आधुनिक तकनीकी की जानकारी दी। उन्होंने गन्ना खेती में आने वाली बीमारियों व उनके निदान के उपाय भी सुझाए। इस अवसर पर चीनी मिल फार्म पर गन्ना कंबाईन हारवेस्टर से गन्ना कटाई दिखाई गई। हरियाणा शुगर फेडरेशन के चेयरमैन धर्मबीर डागर ने कहा कि हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में किसानों के हित के लिए कार्य कर रही है। हरियाणा देश में गन्ने की फसल का सबसे ज्यादा भाव देने वाला राज्य है, लेकिन गन्ना खेती में मजदूरों की कमी की समस्या है, जिसकी वजह से गन्ने के रकबे में काफी कमी आई है। श्रमिकों की कमी और मंहगें श्रम की समस्या का हल मशीनीकरण के द्वारा आसानी से किया जा सकता है। इसी कड़ी में आज गन्ने की गन्ना हारवेस्टिंग मशीन से कटाई किसानों को दिखाई गई है। प्रदेश की अन्य मिलों में भी गन्ना हारवेस्टिंग मशीनें भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। सभी किसानों ने इसे देखा और इसकी काफी सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस मशीन से कटाई करने से पैदावार में बढ़ोतरी होगी। गन्ना हारवेस्टिंग मशीन से कटाई किसानों और चीनी मिल दोनों के लिए फायदेमंद है। हमें गन्ने की अच्छी पैदावार लेने के लिए बिजाई से लेकर कटाई तक तकनीकी रूप से काम करना होगा।धर्मबीर डागर ने कहा कि आने वाले सीजन में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कुछ प्रतिशत किसानों को चिंहित करके वैज्ञानिक तरीके से बिजाई करवाएंगे और उनको हारवेस्टिंग मशीन उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगे। अगर श्रमिकों की कमी की समस्या का समाधान हो जाता है तो निश्चित रूप से गन्ने का रकबा बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि गन्ने की फसल को नकद की फसल कहा जाता है। अभी छह दिसंबर को कैथल शुगर मिल का पिराई सत्र का शुभारंभ हुआ था और चीनी मिल द्वारा 15 दिसंबर तक की अदायगी भी कर दी है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे गन्ने की खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृड़ करें।सहकारी चीनी मिल कैथल के प्रबन्ध निदेशक कृष्ण कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और कहा कि गन्ना हारवेस्टर द्वारा गन्ने की कटाई उपरांत फसल अवशेष के उचित प्रबन्धन के कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति में काफी सुधार होगा जो बिना किसी अतिरिक्त लागत के सीधे किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।किसान संगोष्ठी में मशीनीकरण के कार्यन्वयन में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर विचार विमर्श किया गया। गन्ना सलाहकार डॉ. रोशन लाल यादव, हरियाणा सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लि0., पंचकूला ने किसानों को कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अनुमोदित गन्ने की किस्मों की बिजाई करने की सलाह दी। डा. सुधीर शर्मा ने गन्ने की किस्मों के बारे में जानकारी प्रदान की। डा. ओपी चौधरी ने गन्ने की फसल में लगने वाले कीड़ों व कीटों के बारे में विस्तार से बताया। इसी प्रकार डा. हरविंद्र सिंह ने फसल में आने वाले बीमारियों व उनके उचार के बारे में किसानों को जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर आधुनिक मशीनों सहित गन्ने की फसल में प्रयोग होने वाली दवाओं व अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।इस अवसर पर पानीपत शुगर मिल एमडी मंदीप कुमार, यमुनानगर सरस्वती शुगर मिल के उपाध्यक्ष धर्मपाल, ईश्म सिंह, अनीता चौधरी, देंवेद्र पंचाल, कृष्ण पिलनी, रोशन सैनी, देवी दयाल, विनोद बंसल, कुलदीप शर्मा सहित अन्य किसान मौजूद रहे।
सहकारी चीनी मिल कैथल में गन्ने की खेती में मशीनीकरण विषय पर किया गया संगोष्ठी का आयोजन..

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