पौष अमावस्या 30 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी..

 सनातन धर्म में अमावस्या का बड़ा महत्व है। यह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है, जो पितरों को समर्पित है। अमावस्या के दिन लोग अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं। इस दिन को कई आध्यात्मिक व धार्मिक गतिविधियों संस्कारों और प्रथाओं के लिए शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार  पौष अमावस्या 30 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।

इस पावन तिथि पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। जिस वजह से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल की अंतिम अमावस्या पर इस बार बहुत ही खास मानी जा रही है। क्योंकि यह सोमवार को पड़ रही है।  इसके साथ ही वृद्धि योग का शुभ संयोग बन रह है। यह सुबह से लेकर रात 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।

कहते हैं कि इस दौरान किसी भी प्रकार का कार्य करने से उसमें सफलता मिलती है। इसके साथ ही शिव-पार्वती की कृपा मिलती है। इसके अलावा अन्न और धन में भी बढ़ोत्तरी होती है।हिंदू पंचांग के अनुसार  ब्रह्म मुहूर्त 05 बजकर 16 मिनट से 06 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अमृत काल शाम 05 बजकर 24 मिनट से शाम 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  यह स्नान और दान के लिए बहुत ही शुभ समय माने गए हैं।

इन मंत्रों से करें पितरों का तर्पण

ॐ पितृ देवतायै नमः..

ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्...

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