कैथल 11 किसानो ने आंदोलन के समर्थन मे अनशन किया..
कैथल: 20 दिसंबर : भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) द्वारा पंजाब मे चल रहे किसान आंदोलन व आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डललेवाल के समर्थन मे आज जिला सचिवालय कैथल मे 1 दिवसीय धरना व भूख हड़ताल रखी गई। जिसमे 11 किसानो ने आंदोलन के समर्थन मे अनशन किया। धरने की अध्यक्षता भाकियू (चढूंनी) के जिलाध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल ने की। जबकि धरने का नेतृत्व युवा भाकियू प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट ने किया। धरने का संचालन किन्दर चीका ने किया। धरने पर 13 किसान ने 10बजे से 4बजे तक आंदोलन व किसान नेता जगजीत सिंह डललेवाल आमरण अनशन के समर्थन मे भूख हड़ताल पर बैठे जिनमे सुभाषभागल,गुरनाम फरल, केवल सिद्ध, विक्रम दुसैण, गुलजार नंबरदार, सुरेंद्र मलिक बरटा, मोनी सिकंदर खेडी, पिरथी कौल, रणधीर बरसाना, कुलदीप मलिक, गुरुमुख फरल, विक्रम सापनं खेडी,शामिल थे। धरने पर युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना व जिलाध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल के नेतृत्व मे तहसीलदार कैथल रविन्द्र हुड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम सौपे ज्ञापन मे कहा कि जैसा आपको मालूम है कि आंदोलन 2020 की शेष रही मांगों सहित न्यूनतम समर्थन मूल्य (M.S.P.) को लेकर हरियाणा पंजाब के बॉर्डर पर किसान आंदोलनरत है। इस आंदोलन में सरदार जगजीत सिंह जी किसानो की माँगो को लेकर पिछले कई दिनो से मरणवर्त पर बैठे है उनकी सेहत बेहद नाजुक स्थिति में है। युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि आंदोलनरत किसानो की सभी माँगे जायज व तथ्यात्मक है। किसानो की इन माँगो का हमारे संगठन का पूर्ण समर्थन है। हम मांग करते है कि सरकार जल्द से जल्द आंदोलनरत किसानो से पुन बातचीत शुरू कर सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल के जीवन को बचाये अन्यथा देश भर के किसान अपनी माँगो को लेकर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगा। उन्होने कहा कि कृषि विपणन नीति के नए मसौदे में मंडी से बाहर प्राइवेट स्थान को भी मंडी मानना की शर्त ग़लत है इससे किसान को सीधा नुक़सान होगा क्योंकि मंडी के अंदर फसल को ख़रीदने वाले अधिक व्यापारी आते है। प्राइवेट स्थल को मंडी बनाने से फसल के भाव के लेकर होने वाली व्यापारियों की प्रतिस्पर्धा ख़त्म हो जाएगी, प्राइवेट स्थल पर केवल एक ही व्यापारी होगा जिससे किसानों को उनकी फ़सल का उचित दाम नहीं मिलेगा। दूसरा इससे राजस्व की हानि होगी। जिससे गाँव की सड़के व विकास होता है। इस क़ानून से देश में बेरोजगारी बढ़ेगी और यह उन तीन क़ानूनों का हिस्सा है। जिनका किसानो ने देश भर में विरोध किया था। इस मसौदे को तुरंत वापस लिया जाए! सरकार किसान आंदोलन की आड़ में लोगों को परेशान कर रही है। किसान आंदोलन के चलते बीजेपी सरकार ने 2 मुख्य सडक़ मार्ग बंद कर रखे हैं। इससे लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकना गलत है। आज सरकार किसानों के साथ बहुत गलत कर रही है। तीन कृषि कानून को वापस लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी कानून बनाने के लिए कमेटी बनाने की बात की थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। अगर सरकार अन्नदाता के साथ ऐसा व्यवहार करेगी तो देश विकसित कैसे होगा। आज देश के अन्नदाताओं के लिए खाद,बीज,दवाइयां और पानी का एक बड़ा मसला है। हरियाणा में सरकार द्वारा सभी 24 फसलें एमएसपी पर खरीदने का सवाल पर सरकार का कोरा झूठ बताया। पूरे प्रदेश के लोगों ने देखा कि धान की सरकारी खरीद में किसानों को नमी के नाम पर 8 से 10 किलो धान की कटौती करके लूटा गया। अगर मुख्यमंत्री बार-बार एमएसपी पर खरीद का बयान देते हैं तो उनको फसल खरीद के मामले पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। हरियाणा,और उत्तरप्रदेश के बॉर्डर पर किसानों पर हो रहे दमन ,केंद्र सरकार द्वारा लाई गई कृषि व्यापार पर नई राष्ट्रीय नीति का विरोध करते है।भाजपा सरकार आज तानाशाही पर उतारू है किसान अपनी जायज मांगों को लेकर दिल्ली प्रदर्शन करना चाहते है जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है जिसका हनन करते हुए केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा की सीमाओं पर पुलिस बल द्वारा जबरन रोकने,किसानों पर अश्रु गैस के गोले दागने और गिरफ्तारियां करने का काम कर रही है। किसानों की एमएसपी,कर्ज मुक्ति की जायज मांगों को पूरा करने की बजाय केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी 25 नवंबर 2024 की नई कृषि बाजार नीति जारी की गई है।इस धरने पर होशियार गिल प्यौदा,भूपेन्द्र साघनं, बलिहार बगगा,अमित तवंर,भीम खनौदा, दीपा दुसैण, नरेंद्र फरल, बबली कौकत, सुरेंद्र प्यौदा, ओमप्रकाश चदंलाना,मोनी खेडी,शीलू गोलन,रामपाल मुंदडी,हरमन गिल,करेशन खनौदा सहित सैकड़ो किसान उपस्थित थे
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